आंध्रप्रदेश की राजधानी क्या है । Andhra-Pradesh-ki-rajdhani-kahan-hai
आंध्र प्रदेश की विधानसभा में पारित कानून के अनुसार आंध्र प्रदेश राज्य की तीन राजधानियां निर्धारित की गई है। भारत का यह पहला ऐसा राज्य है, जिसकी तीन राजधानियां है।
यह तीन राजधानियां ‘विशाखापट्टनम’ ‘अमरावती’ एवं कुर्नूल है। तीनों राजधानियों का अपना-अपना महत्व है इस कानून के तहत आंध्र प्रदेश राज्य की कार्यपालिका यानी सरकार विशाखापट्टनम से संचालित करेगी वहीं राज्य विधानसभा अमरावती में होगी, एवं हाई कोर्ट कुरनूल से काम करेगा। इस प्रकार आंध्र प्रदेश राज्य के कुल 3 राजधानी होंगे जहां से संचालन होगा।
आंध्र प्रदेश की राजधानी कहां है? (Andhra Pradesh ki rajdhani kahan hai)
आंध्र प्रदेश भारत का सातवां सबसे बड़ा राज्य है। परन्तु क्या आप जानते है कि आंध्रप्रदेश की राजधानी क्या है ? असल में इस नवीन राज्य की राजधानी अमरावती है। आप में से कुछ लोग सोच रहे होंगे कि आंध्र प्रदेश तो हमेशा से एक राज्य रहा है तो फिर इसे नवीन राज्य कहना कैसे उचित है।
आंध्र प्रदेश राज्य का निर्माण भाषा आधारित राज्यों के साथ 1956 में किया गया था, परंतु 2014 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश का विभाजन कर दो नए राज्य अस्तित्व में आये। एक राज्य का नाम था आंध्रप्रदेश जिसे कई लोग सीमांध्र भी कहते हैं और दूसरे राज्य का नाम था तेलंगाना।
आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार पुराने आंध्र प्रदेश की जनसंख्या 7,62,10,007 थी एवं नए आंध्र प्रदेश की जनसंख्या 4,93,86,799 है। जनसंख्या के हिसाब से यह भारत का दसवा सबसे बड़ा state है । आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना दोनों की भाषा तेलुगु है।
अमरावती आंध्रप्रदेश की राजधानी कैसे बनी ?
वैसे तो तत्कालीन आंध्र प्रदेश के विभाजन का निर्णय हमेशा विवादों से भरा हुआ है। अलग तेलंगाना की मांग के पीछे तेलंगाना वासियों का यह तर्क था कि आंध्र प्रदेश की विभिन्न सरकारों ने इस क्षेत्र को जानबूझकर आर्थिक रूप से पिछड़ा रखा हुआ है इसीलिए इसका विकास तभी हो पाएगा जब यह अपने आप में अलग राज्य हो।
आंध्र प्रदेश से आने वाले राजनीतिक दल उदाहरण के लिए वाईएसआर कांग्रेस एवं तेलुगू देशम पार्टी अलग तेलंगाना की मांग का हमेशा विरोध करते रहे। परंतु तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच सबसे बड़ा विवादास्पद विषय राजधानी का था , अमरावती आंध्र प्रदेश की पहली पसंद नहीं थी।
आंध्र प्रदेश हैदराबाद को अपनी राजधानी बनाए रखना चाहता था इसके पीछे आंध्र प्रदेश का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों का तर्क था कि तत्कालीन आंध्र प्रदेश ने बड़ी मात्रा में हैदराबाद में आर्थिक निवेश किए हैं ताकि future में हैदराबाद को एक हाईटेक सिटी के रूप में स्थापित किया जा सके और जिसके फलस्वरूप आसपास के इलाके को इसका आर्थिक लाभ मिल सके।
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परंतु अगर हैदराबाद तेलंगाना को दे दिया जाएगा तो आंध्र प्रदेश का बहुत बड़ा भूभाग इस आर्थिक लाभ से वंचित हो जाएगा। वहीं तत्कालीन तेलंगाना का नेतृत्व करने वाले लोगो का यह तर्क था कि भौगोलिक रूप में हैदराबाद तेलंगाना के काफी भीतर आता है इसीलिए इस बात का सवाल ही पैदा नहीं होता कि इसे राजधानी के रूप में आंध्रप्रदेश को दे दिया जाए।
एक समय ऐसा भी आया जब तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश को इस बात का offer दिया गया कि चंडीगढ़ की तरह ही हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी बना दिया जाए। इस बात में शुरुआत में तो सहमति बनती दिखी परंतु बाद में दोनों राज्य इसके लिए तैयार नहीं थे। एक बार जब यह स्पष्ट हो गया कि हैदराबाद आंध्र प्रदेश की राजधानी नहीं बनेगा तब नई राजधानी की खोज चालू हुई। यह खोज वर्तमान राजधानी अमरावती पर खत्म हुई।
अमरावती का शाब्दिक अर्थ क्या है
अमरावती शब्द का अर्थ है जहां अमर व्यक्ति रहते हैं। इस शहर की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 1,03,000 है। आप सोच रहे होंगे कि किसी भी प्रदेश की राजधानी की जनसंख्या इतनी कम कैसे हो सकती है तो इसका कारण यह है कि अमरावती एक प्लांड अथवा योजित शहर है।
सरल शब्दों में कहा जाए तो अमरावती नए सिरे से बसाया जा रहा है, इसका एक-एक बिंदु पहले से प्लान किया गया है और उसी के अनुसार इस शहर को बसाया जाना निर्धारित है। नए आंध्र प्रदेश की शुरुआत में सारे सरकारी कार्यालय हैदराबाद में हुआ करते थे उन्हें धीरे धीरे अमरावती में स्थापित किया जा रहा है।
वर्तमान आंध्र प्रदेश का क्षेत्र पहले गुंटूर जिले के अंतर्गत आता था। अमरावती नए सिरे से बसाया जा रहा है इसका मतलब यह नहीं है कि इस जिले का कोई historical अस्तित्व नहीं बल्कि नई राजधानी को अमरावती में बसाया जाने का सबसे प्रमुख कारण इसके ऐतिहासिक महत्व का होना है। ऐसा माना जाता है कि अमरावती हमेशा से विभिन्न साम्राज्य चाहे वह मौर्य साम्राज्य हो या विजयनगर साम्राज्य में हमेशा प्रमुखता पाता रहा है।
अमरावती की धर्म एवं संस्कृति
धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में अमरावती शहर में हिंदू धर्म की बहुमत है इस शहर में अमरलिंगेश्वर जैसे मंदिर है।
शिक्षा के क्षेत्र में अमरावती शहर में एपी और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी यानी वीआईटी एपी, एसआरएम विश्वविद्यालय जैसे संस्थान हैं इनके अलावा एमिटी और इंडो यूके सेल्यूट ऑफ हेल्थ किंग्स कॉलेज अमृता विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के परिसर भी है।
अमरावती में परिवहन की सुविधा
परिवहन यानी यातायात में यहां रेल मार्ग जिसमें अमरावती हाई स्पीड सर्कुलर रेलवे लाइन शहर से गुंटुर विजयवाड़ा और तेनाली जैसे शहरों के आसपास के इलाकों को जोड़ती है यहां की रेल व्यवस्था 10000 करोड़ के अनुमानित लागत के साथ 105 किलोमीटर तक फैली है।
वायु यातायात में विजयवाड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गन्नावारम में स्थित है, जहां से देश की राजधानी के साथ-साथ देश के अन्य बड़े शहरों तक उड़ान भरी जाती है। जल मार्ग में बापटला, चिराला मचिपतितनम, निजामपत्नम जैसे बंदरगाह का उपयोग किया जाता है यह बंदरगाह सागर मार्ग से शहर की सेवा करते हैं।
इसके अलावा सड़क मार्ग का विस्तार भी यहां अच्छा है। बस, ऑटो रिक्शा एवं अन्य सार्वजनिक वाहनों से इस शहर एवं आसपास के इलाकों तक पहुंचा जा सकता है।
आंध्र प्रदेश की तीसरी राजस्थान कुर्नूल
कुरनूल शहर आंध्र प्रदेश राज्य के सबसे बड़े शहरों में से एक है आंध्र प्रदेश का हाई कोर्ट का संचालन यहां से होता है।
भौगोलिक स्थिति में यह शहर तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है और इसके अलावा निवा नदी और हंद्री नदी भी इस शहर के बीच में से बहती है। यह शहर समुद्री तल से 273 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
क्षेत्रफल और जनसंख्या में इस शहर का क्षेत्रफल लगभग 492 1673 km ² यानी 19.20 वर्ग मील है। 2011 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 424920 है। साथ ही यह कुरनूल जिले का मुख्यालय भी है। अगर बात की जाए साक्षरता दर की तो वर्ष 2011 की जनगणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार शहर की आबादी 484327 एवं साक्षरता दर 77.37 % थी।
यह शहर अच्छे खनिज संपदा से परिपूर्ण है यहां के मुख्य खनिजों में लोह, चुना पत्थर, सिलिका, क्वार्ट्ज स्टिलाइट जैसे खनिज शामिल है।
धार्मिक दृष्टिकोण से यहां हिंदू धर्म की बहुतायत है परंतु साथ ही इस्लाम धर्म और उसके बाद ईसाई धर्म एवं कुछ अन्य धर्म के मानक भी हैं।
शिक्षण संस्थानों में यहां के प्रसिद्ध संस्थान
शिक्षण संस्थानों में यहां के प्रसिद्ध संस्थान आईआईआईटीडीएम कुरनूल एवं कुरनूल मेडिकल कॉलेज है यहां के स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रदान की जाती है। आईसीडीएस विभाग के आंगनवाड़ी केंद्र द्वारा पहले शिक्षा दी जाती थी।
आंध्र प्रदेश की राजधानी कुर्नूल में परिवहन और यातायात
परिवहन और यातायात में यहां सड़क मार्ग जिसकी कुल लंबाई लगभग 519.22 किलोमीटर है जोकि हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों की सड़कों से जुड़ा हुआ है, इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 44 राज्य राजमार्ग 51 और राष्ट्रीय राजमार्ग 46 शामिल है।
रेल मार्ग में कुरनूल रेलवे स्टेशन हैदराबाद गुंटकल रेलवे लाइन पर पड़ता है जिसका वर्गीकरण दक्षिण मध्य रेलवे के हैदराबाद रेलवे डिवीजन में ए श्रेणी स्टेशन में किया गया है। वायु मार्ग की सुविधा में यहां कुरनूल हवाई अड्डा है जहां से अन्य स्थानों के लिए उड़ानें भरी जाती है।
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