Start-up Business Loan in Hindi –भारत में स्टार्ट-अप बिजनेस लोन
भारत में पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से लगभग सभी क्षेत्रों में स्टार्ट-अप (Start-up) शुरू हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में स्टार्ट-अप Start-up का योगदान बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में भारत में 39,000 से अधिक ऐसे स्टार्ट-अप हैं, जो विकसित होने की क्षमता रखते हैं और भविष्य में एक मार्केट लीडर (Market Leader) के रूप में सामने आ सकते हैं। लेकिन ज्यादातर नए व्यवसाय ऋण सुविधाओं की कमी के कारण बंद हो जाते हैं। आज की इस पोस्नट में हम आपको Start-up Business Loan in Hindi –भारत में स्टार्ट-अप बिजनेस लोन के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं ।
Loan Requirements of New Business-नए व्यवसायों की ऋण आवश्यकता
नए व्यवसायों की स्टॉक मार्केट (Stock Market) से होने वाली फंडिंग तक पहुंच नहीं होती, इसलिए इन्हें अपना व्यवसाय चलाने के लिए मजबूत क्रेडिट सिस्टम (Credit System) की आवश्यकता होती है। पर्याप्त पैसा होने पर स्टार्ट-अप नवाचार और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। स्टार्ट-अप बिजनेस लोन का लाभ वे व्यक्ति ले सकते हैं, जो अपना खुद का बिजनेस वेंचर (Business Venture) शुरू करने वाले हैं या वर्तमान में बिजनेस कर रहे हैं।
स्टार्ट-अप लोन आपके व्यवसाय में नकदी का नियमित प्रवाह बनाए रखने तथा व्यवसाय का विस्तार, विकास और नवाचार करने में सहायता करता है। सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जो स्टार्ट-अप और एमएसएमई (MSME) के लिए ऋण की सुविधा देती हैं। इसलिए इस लेख के माध्यम से स्टार्ट-अप बिजनेस लोन (Start-up Business Loan) के बारे में जानकारी दी जा रही है।
Mudra Loan Scheme- मुद्रा ऋण
लघु और मध्यम उद्योगों (Small and Medium Enterprises) के लिए अक्सर आसानी से ऋण प्राप्त करना मुश्किल होता है। वे प्रायः निजी ऋणदाताओं (Private Lenders) से बहुत अधिक ब्याज दर पर पैसा उधार लेते हैं और बाद में परेशानी का सामना करते हैं। इसलिए सरकार ने एमएसएमई (MSME) को आसानी से ऋण प्रादान करने तथा इसके माध्यम से अपना विकास करने के लिए मुद्रा ऋण योजना (Mudra Loan Scheme) की शुरूआत की है।
यह एक सरकारी ऋण योजना है, जिसके तहत लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (Medium Small and Micro Enterprises) को ऋण की सुविधा दी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यवसाय की संभावना को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत मिलने वाले ऋण को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जो हैं –
- शिशु –इस श्रेणी के तहत अधिकतम 50,000 रुपये का ऋण प्रति वर्ष 12% की ब्याज दर पर लिया जा सकता है।
- किशोर –इस श्रेणी के तहत ऋण की सीमा 5 लाख रुपये है।
- तरुण –इस श्रेणी के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है।
Credit Guarantee Fund Scheme-क्रेडिट गारंटी फंड योजना
यह सरकार द्वारा वित्त पोषित एक योजना (Government Funded Scheme) है, जिसका लाभ देश की सूक्ष्म और लघु इकाइयों (Medium, Small and Micro Enterprises) द्वारा उठाया जा सकता है। ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए सेवा और विनिर्माण गतिविधियों में शामिल व्यवसायों को आसानी से ऋण देने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (Credit Guarantee Fund Scheme) शुरू की गई थी। यदि आप पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आप योजना के तहत संपार्श्विक मुक्त ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
इसके तहत आप अपने वर्तमान या नए व्यवसाय के वित्तपोषण के लिए संपार्श्विक के बिना अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। खुदरा व्यापार, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि, और स्वयं सहायता समूहों को छोड़कर विनिर्माण या सेवा गतिविधियों में लगे हुए एमएसएमई (MSME) इस योजना का लाभ ले सकते हैं। प्रशिक्षण संस्थान इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होते हैं।

Stand-up India-स्टैंड-अप इंडिया
सरकार द्वारा स्टार्ट-अप्स की राह में आने वाली बाधाओं की पहचान की गई। व्यवसाय के विफल होने की मुख्य समस्या सस्ती दरों पर ऋण का न मिलना है। इसी कारण भारत सरकार ने स्टार्ट-अप को ऋण उपलब्ध कराने के लिए अप्रैल 2016 में स्टैंड-अप इंडिया योजना (Stand-up India) शुरू की थी। योजना का उद्देश्य महिला उद्यमिता (Women Entrepreneur) को बढ़ावा देना और विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्र (Service Sector) में कार्यरत व्यवसायों के लिए ऋण सुविधा प्रदान करना है।
चूंकि स्टार्ट-अप (Starts-up) जमीनी स्तर पर नौकरियां पैदा कर सकते हैं, इसलिए क्रेडिट संस्थानों को पात्र उम्मीदवारों को 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक ऋण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह योजना अनुसूचित जाति (schedule Casts), अनुसूचित जनजाति (schedule Tribes) और महिला उद्यमियों (Women Entrepreneur) को सशक्त बनाने का प्रयास भी करती है, ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों की मदद कर सकें और आर्थिक विकास में भागीदार बन सकें।
Subsidy given by National Small Industries Corporation-राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी
एमएसएमई (MSME) के विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (National Small Industries Corporation) द्वारा इस योजना को शुरू किया गया है। यह योजना उधार लेने वाली इकाई को दो तरह के लाभ प्रदान करती है। इसमें कच्चे माल की सहायता और विपणन सहायता शामिल होती है। एनएसआईसी (National Small Industries Corporation) ने सूक्ष्म और मध्यम इकाइयों को इस तरह के ऋण प्रदान करने के लिए विभिन्न वित्तीय संगठनों के साथ भागीदारी की है।
यह योजना विपणन सहायता कार्यक्रम के माध्यम से उत्पादों और सेवाओं के बाजार मूल्य को बढ़ाने की सुविधा देती है। वहीं दूसरी ओर कच्चे माल की सहायता योजना के माध्यम से स्वदेशी (Swadeshi) और आयातित कच्चे माल (Imported Raw Material) की खरीद के लिए फंड देती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता देकर इन इकाइयों में गुणात्मक और मात्रात्मक परिवर्तन लाने में सहायता करना है, जिससे यह विकसित हो सकें।
Start-up Business Loan in Hindi –भारत में स्टार्ट-अप बिजनेस लोन विभिन्न सरकारी (Public Sector Banks) और निजी बैंकों (Private Sector Banks) द्वारा व्यवसायों के लिए ऋण योजनाओं की पेशकश की जाती है। आप अपनी पात्रता और आवश्यकतानुसार योजना का चयन कर सकते हैं और ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
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