पूंजी बाज़ार क्या है- What is Capital Market in Hindi

पूंजी बाज़ार क्या है- What is Capital Market in Hindi

What is Capital Market in Hindi- वित्तीय बाज़ार (Financial market) का वो भाग जहां पर दीर्घकालीन वित्तीय जरूरतों की पूर्ति की जाती है, उसे पूंजी बाज़ार कहा जाता है। यहाँ दीर्घकाल से आशय 1 वर्ष से अधिक अवधि से है। क्योंकि 1 वर्ष से कम की अवधि के लिए पूंजी जुटाना मुद्रा बाज़ार का काम है।

दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा वित्तीय बाज़ार जहां पर एक वर्ष या उससे अधिक समय के लिए डेट (Debt) या इक्विटि समर्थित प्रतिभूतियों (Equity backed securities) को खरीदा और बेचा जाता है, पूंजी बाज़ार कहलाता है, जैसे कि Stock Exchange, वाणिज्यिक बैंक (Commercial Bank) आदि की बात करें तो ये एक पूंजी बाज़ार ही है।

पूंजी बाजार क्या हैं? [What is Capital Market ?] [In Hindi]

Capital Market वे स्थान हैं जहां बचत और निवेश उन आपूर्तिकर्ताओं के बीच होते हैं जिनके पास पूंजी है और जिन्हें पूंजी की जरूरत है। जिन संस्थाओं के पास पूंजी है उनमें खुदरा (Retails) और संस्थागत निवेशक (Institutional Investors) शामिल हैं जबकि पूंजी की तलाश करने वालों में व्यवसाय, सरकारें और लोग शामिल हैं।

Capital Market Primary और Secondary बाजारों से बने होते हैं। सबसे आम पूंजी बाजार शेयर बाजार और बांड बाजार हैं।

पूंजी बाजार लेनदेन क्षमता में सुधार करना चाहते हैं। ये बाजार पूंजी रखने वालों और पूंजी चाहने वालों को एक साथ लाते हैं और एक ऐसा स्थान प्रदान करते हैं जहां संस्थाएं प्रतिभूतियों का आदान-प्रदान कर सकती हैं।

‘पूंजी बाजार’ की परिभाषा [Definition of ‘Capital Market’] [In Hindi]

पूंजी बाजार एक ऐसा बाजार है जहां खरीदार और विक्रेता वित्तीय प्रतिभूतियों जैसे बांड, स्टॉक आदि के व्यापार में संलग्न होते हैं। खरीद / बिक्री प्रतिभागियों जैसे व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा की जाती है।

पूंजी बाजार को समझना [Understanding Capital Markets] [In Hindi]

Capital Market शब्द मोटे तौर पर उस स्थान को परिभाषित करता है जहां विभिन्न संस्थाएं विभिन्न वित्तीय साधनों का व्यापार करती हैं। इन स्थानों में शेयर बाजार, बांड बाजार और मुद्रा और विदेशी मुद्रा बाजार शामिल हो सकते हैं। अधिकांश बाजार न्यूयॉर्क, लंदन, सिंगापुर और हांगकांग सहित प्रमुख वित्तीय केंद्रों में केंद्रित हैं।

capital market suppliers और धन के उपयोगकर्ताओं से बना है। आपूर्तिकर्ताओं में परिवार और उनकी सेवा करने वाली संस्थाएं शामिल हैं-पेंशन फंड, जीवन बीमा कंपनियां, धर्मार्थ फाउंडेशन और गैर-वित्तीय कंपनियां- जो निवेश के लिए उनकी जरूरतों से परे नकदी उत्पन्न करती हैं। फंड के उपयोगकर्ताओं में घर और मोटर वाहन खरीदार, गैर-वित्तीय कंपनियां, और बुनियादी ढांचे के निवेश और परिचालन व्यय के वित्तपोषण वाली सरकारें शामिल हैं।

पूंजी बाजार बचतकर्ताओं से अधिशेष निधियों को संस्थानों में स्थानांतरित करने में मदद करते हैं जो फिर उन्हें उत्पादक उपयोग में निवेश करते हैं। आम तौर पर, यह बाजार ज्यादातर लंबी अवधि की प्रतिभूतियों में कारोबार करता है।

Capital Market में प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार होते हैं। प्राथमिक बाजार स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों के नए मुद्दों के व्यापार से संबंधित है, जबकि द्वितीयक बाजार मौजूदा या पहले जारी प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान से संबंधित है। पूंजी बाजार में एक और महत्वपूर्ण विभाजन व्यापार की सुरक्षा की प्रकृति, यानी शेयर बाजार और बांड बाजार के आधार पर किया जाता है।

पूंजी बाज़ार की विशेषताएँ Features of Capital Market in Hindi

पूंजी बाज़ार उन लोगों को एक साथ लाते हैं जो पूंजी रखते हैं और जो पूंजी की मांग एक साथ करते हैं साथ ही साथ ये एक ऐसी जगह भी प्रदान करते हैं जहां ऐसे लोग प्रतिभूतियों (Securities) का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

पूंजी बाज़ार के घटक (Components of Capital Market in Hindi

पूंजी बाज़ार के मुख्यतः तीन घटक माने जाते हैं।

  1. बीमा (Insurance)
  2. म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund)
  3. प्रतिभूति या शेयर बाज़ार (Securities or Stock Market)।

 बीमा (Insurance)

की बात करें तो ये पूंजी बाज़ार का एक घटक है जिसमें कोई कंपनी या सरकार एक निश्चित प्रीमियम के भुगतान के बदले कुछ निश्चित नुकसान जैसे- क्षति, बीमारी या मृत्यु के लिए मुआवजे की गारंटी प्रदान करता है।

 म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund)

की बात करें तो ये एक ऐसा फ़ंड है जिसका निर्माण तब होता है जब बड़ी संख्या में निवेशक अपना धन इसमें लगाते हैं और उस पूरे धन को किसी प्रबंधन कंपनी द्वारा शेयर, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। इससे जो फायदा होता है वो उसी अनुपात में सभी निवेशकों में बांट दिये जाता हैं जिस अनुपात में उन लोगों ने पैसा लगाया था। [इस पर अलग से एक लेख मौजूद है, बेहतर समझ के लिए उसे पढ़ें।]

यहाँ जो अभी हमारे काम की चीज़ है वो है इसका तीसरा घटक यानी कि प्रतिभूति या शेयर बाज़ार (Securities or Stock Market)। क्योंकि ये शेयर मार्केट से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।

प्रतिभूति (Security) क्या होता है?

कोई भी ऐसा वित्तीय उपकरण (Financial instruments) जिसका मौद्रिक मूल्य (monetary value) होता है, प्रतिभूति (Security) कहलाता है। जैसे कि शेयर, बॉन्ड इत्यादि। इसी शेयर या बॉन्ड की जिस मार्केट में खरीद-बिक्री होती है उसे ही प्रतिभूति या शेयर बाज़ार कहा जाता है।

क्या पूंजी बाजार वित्तीय बाजारों के समान हैं? [Are capital markets the same as financial markets?] [In Hindi]

जबकि कभी-कभी बहुत अधिक ओवरलैप होता है, इन दोनों शब्दों के बीच कुछ मूलभूत अंतर होते हैं। वित्तीय बाजारों में व्यापक श्रेणी के स्थान शामिल हैं जहां लोग और संगठन एक दूसरे के साथ संपत्ति, प्रतिभूतियों और अनुबंधों का आदान-प्रदान करते हैं, और अक्सर द्वितीयक बाजार होते हैं। दूसरी ओर, पूंजी बाजार का उपयोग मुख्य रूप से धन जुटाने के लिए किया जाता है, आमतौर पर एक फर्म के लिए, संचालन में या विकास के लिए उपयोग किया जाता है।

प्राथमिक बनाम द्वितीयक बाजार क्या है? [What is Primary vs Secondary Market?] [In Hindi]

नई पूंजी स्टॉक और बॉन्ड के माध्यम से जुटाई जाती है जो प्राथमिक पूंजी बाजार में निवेशकों को जारी और बेची जाती है, जबकि व्यापारी और निवेशक बाद में द्वितीयक पूंजी बाजार में उन प्रतिभूतियों को एक दूसरे के बीच खरीदते और बेचते हैं, लेकिन जहां फर्म को कोई नई पूंजी प्राप्त नहीं होती है।

Capital Market एक वित्तीय बाजार है जिसमें दीर्घकालिक ऋण या इक्विटी-समर्थित प्रतिभूतियां खरीदी और बेची जाती हैं, एक मुद्रा बाजार (money market) के विपरीत जहां अल्पकालिक ऋण खरीदा और बेचा जाता है।

 

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