चुंबक की खोज किसने की थी । Who Discovered Magnet In Hindi
चुंबक की खोज किसने की थी – चुंबक की खोज किसने की, इस विषय में कई कहानियाँ प्रचलित हैं। एक पुरानी यूनानी (Greek) कहानी के अनुसार, चुंबकत्व की खोज, ग्रीस के मेगनेसिया में रहने वाले मेग्नेस नामक एक चरवाहे ने की थी। आज से लगभग 4000 साल पहले यह चरवाहा पहाड़ों में अपनी भेड़ें चारा रहा था। वहीं अचानक मेग्नेस की छड़ी और उसके सैंडल में लगे लोहे से काले रंग के पत्थर चिपक गए। इसके अलावा उसने पाया कि उस पत्थर में ऐसी खूबी है जिससे उसकी सैंडल में लगे लोहे के भाग उस पत्थर से चिपक जा रहे हैं।
चुंबक की खोज किसने की थी
इस घटना के बाद से उस चुम्बकीय पत्थर को मेग्नेस चरवाहे के नाम पर मैग्नेटाइट के नाम से जाना गया। लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि “मैगनेट” का नाम Megnesia, Greece के नाम पर पड़ा है जहां पर यह पत्थर पहली बार पाया गया था। मेग्नेस के द्वारा पाये गए Lodestone ( चुम्बकीय पत्थर) में मैग्नेटाइट, एक प्राकृतिक चुंबकीय तत्व (Fe3O4 ) पाया जाता है।
6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के प्राचीन भारतीय और चीनी ग्रंथों में भी चुंबक का उल्लेख किया गया है। चुंबक की खोज के के बारे में एक अन्य कहानी के अनुसार यूनानियों ने तुर्की में मैग्नेटाइट के मैग्नेट की खोज की थी। एक अन्य दावे के अनुसार चीन के लोग चुम्बकीय कम्पास का प्रयोग सदियों से करते आ रहे हैं। थेल्स – जो लगभग 600 ई.पू. में ग्रीस में रहते थे – चुम्बकों के विषय में अध्ययन करने वाले प्रारम्भिक विद्वानों में से एक थे। इसके अलावा मैग्नेटिज्म का जिक्र पहली सदी ई.पू. में ल्यूसरेटियस और प्लिनी द एल्डर (23-79 ईस्वी रोम, Pliny the Elder) के लेखन में भी पाई जाती हैं। प्लिनी ने सिंधु नदी के पास एक पहाड़ी के बारे में जिक्र किया था जो पूरी तरह से एक ऐसे पत्थर से निर्मित था जो लोहे को आकर्षित करने की क्षमता रखता था। लेकिन चुंबक की आकर्षण शक्ति को वे एक जादुई शक्ति के रूप में मानते थे। उस दौर के लोग मैग्नेटाइट को अंधविश्वास और अज्ञानता के कारण बुरी आत्माओं को दूर भगाने, और लोहे से बने जहाजों को आकर्षित करने इत्यादि के लिए इस्तेमाल करते थे।
मैगनेट का आविष्कार किसने किया | Magnet ka aavishkaar kisne kiya
1600-विलियम गिल्बर्ट और पहला कृत्रिम (Artificial) चुंबक-पहले कृत्रिम चुंबक का आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम गिल्बर्ट (1544-1603) ने 1600 में किया था। इतना ही नहीं उन्होने यह भी साबित किया कि पृथ्वी अपने आप में एक बड़ा चुंबक है। विलियम गिल्बर्ट ने यह भी पाया कि लोहे में बदलाव कर के उसे चुंबक बनाया जा सकता है। “डी मैगनेट” (1600) नामक अपनी पुस्तक में विलियम गिल्बर्ट ने स्टील से कृत्रिम रूप से मैग्नेट बनाने के तरीके का उल्लेख किया है।
1820 Hans Christian Oersted और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज़्म की खोज-हंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड ने बिजली और चुंबकत्व के बीच सम्बन्धों की खोज की और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज़्म के बारे में पता लगाया। उन्होने 1820 में एक प्रदर्शन के द्वारा यह सिद्ध किया कि यदि किसी चुंबक के कम्पास को बिजली के तार के पास रख दिया जाये, तो उस चुंबक के कम्पास की सुई बिजली की चुम्बकीय शक्ति से प्रभावित होकर सही दिशा नहीं दिखा पाती है। इस प्रकार Electricity और Magnetism के बीच के संबंध का पता चला।
चुंबक का उपयोग-चुंबक और उसके गुणों की खोज ने हमारे जीवन में कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। चुंबक का उपयोग आज टीवी, कम्प्युटर, समुद्री परिवहन, Magnetic Resonance Imaging मशीनों, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, स्पीकर और माइक्रोफोन, क्रेनों, इलेक्ट्रिक मोटर्स और जनरेटर इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण दैनिक उपयोग की चीजों में होता है। चुम्बकों का प्रयोग अब मैग्लेव ट्रेनों को चलाने में भी होता है। शिक्षा और अनुसंधान में भी चुंबक का बहुत प्रयोग और अध्ययन हो रहा है।
चुंबक के गुणों की जानकारी–
- आकर्षण गुण (Attraction) – चुंबक लौह, कोबाल्ट, और निकल जैसी लौह वस्तुओं को आकर्षित करता है।
- प्रतिकारक या प्रतिकर्षण गुण (Repulsion)- एक समान चुंबकीय ध्रुव एक दूसरे को विकर्षण करते हैं और विपरीत चुंबकीय ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
- Directive Property – यदि किसी भी चुंबक को हवा में स्वतंत्र रूप से लटका दिया जाये तो वह हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में ही इंगित करता है।
रोचक तथ्य-क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव अपना स्थान बदलते रहते हैं? क्या आप यह भी जानते हैं कि सूर्य के दोनों ध्रुव हर 11 वर्षों में सौर गतिविधि चक्र के चरम पर अपना आकार और स्थान बदलते रहते हैं?
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